Background of RAJESH TIGER

नमस्कार दोस्तों,,आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जानेगें जो sales के बारे बहुत अच्छा से जानता है उन्होंने अपनी पहली कदम एक ऐसी कंपनी रखा जहां products बेचे जाते थे और वो भी घर घर जा कर । तो चलिए जानते हैं कि उन्होंने ये काम कैसे किया और ये व्यक्ति हैं कहाँ के ?
राजेश टाइगर का पालन पोषण ओडिशा का राजगढ़ शहर में हुआ। वहां उनके पिताजी एक सरकारी अधिकारी थे पर उनके पापा का नौकरी छूट जाने के बाद उन्हें बहुत सालों तक पैसों का परेशानी झेलनी पड़ी ।पर राजेश का जो पढ़ाई थी वह B. Com तक ही हुआ। वे 21 साल तक ओडिशा में ही रहे और फिर मुंबई चले गये और उनकी जिन्दगी का पहली नौकरी उन्हें सेल्स में मिला और वे इस सेल्स की नौकरी से बहुत कुछ सीखा और आज ये जो भी हैं इसी सेल्स की नौकरी की वजह से हैं।
ये जब शुरू नौकरी में गए तो इनकी पगार थी 650 रुपये। ये 1991 की बात है और इस नौकरी को करते करते सबसे top में चले गए और उनकी salary 650 से 65 हजार हो गया।और इस नौकरी को उन्होंने 4 साल तक किया और जून 1995 में छोड़ दिया। और खुद का कम्पनी खोला । इनका जो सपना था या इस कम्पनी खोलने का मकसद था कि भारत में एक ऐसी कम्पनी खोला जाए जो Multicoloured yellow pages publish कर सके और इन्होंने इसे जनवरी 1998 में publish किया।
*ये एक trainer कैसे बने? 
ये अपने कंपनी के लोगों को मुंबई से पुणे 100 से अधिक लोगों को ट्रेनिंग के लिए जाते थे और इसी वजह से बहुत खर्चा होती थी तो किसी ने कहा कि आप ही क्यों नहीं ट्रेनिंग देते हैं आपने लोगों को तो राजेश जी जवाब में बोले की मैं इन्हें क्या सिखाऊंगा मुझे कुछ नहीं आता है तो उस व्यक्ति ने कहा कि जो आप इतने दिनों से कर रहे हो वही सिखाना। तब से वह अपने कम्पनी के लोगों को सिखाते सिखाते आज एक अच्छा trainer बन गये. ये 1999 से 2019 यानी इस बीस साल में करीबन 700 सौ ट्रेनिंग प्रोग्राम दे चुके हैं आज तक इतने प्रोग्राम कोई भी trainer nhi किया है और राजेश जी बताते हैं कि इनका जो गुरु हैं वो संतोष नयार हैं और संतोष नयार भी एक trainer हैं
ये टोपिक कैसे लगा comment में जरूर लिखें और ये भी लिखें की अगली टॉपिक किसके बारे में लिखूँ 

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