Biography of Dinesh chaudhry
Background of Dinesh chaudhry
नमस्कार दोस्तों, आज हम दिनेश चौधरी के बारे में उन्होंने कैसे अपने जीवन को बदला जो कि दसवीं कक्षा तक भी नहीं पढ़ें हैं और आज उनके पास लाखों करोड़ों हैं जिनके पास कभी चेन वाला TVS रहा करता था पर आज उनके पास 6 से 7 गाड़ी है तो चलिए जानते हैं कि दिनेश चौधरी ने ऐसा क्या किया और इतनी बड़ी मुकाम हासिल की।
दिनेश चौधरी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के कृषि परिवार में हुआ। उनका जो प्रारंभिक शिक्षा मुरादाबाद में ही हुआ और वह दसवीं तक भी नहीं पढ़ पाऐ और उन्होंने नौकरी के तलाश में MP चले गये और उन्हें वहीं पर 7 सौ की नौकरी मिल गई। उसी नौकरी को करते करते 7सौ से 2 हजार हो गए और फिर एक दिन किसी व्यक्ति से उन्होंने MLM के बारे सुना और उसे एक छोटी सी मीटिंग में बुलाया गया जहां पे 7 से 8 लोग थे. जहां पे बताया गया कि भारत में एक ऐसा बिजनेस आया है जहां पे बिना पुंजी के बिजनेस किया जा सकता है और अपना जीवन बदला जा सकता है और फिर हुआ क्या?? हैरान कि बात तो यह है कि जो व्यक्ति ने दिनेश जी को बुलाया था वह व्यक्ति उस दिन से लेकर कभी भी उस बिजनेस में नहीं आया। वहां पे इन्हें कुछ समझ में तो नहीं आया बस यही सोचने लगे कि अगर बाहर से 7 से 8 सौ भी आ जाऐ तो बहुत है मेरे लिए और उन्होंने बिजनेस शुरू कर दिया पार्ट टाईम ।ये बात 26 जूलाई 2002 की है । लगभग 3 साल तक पार्ट टाईम करते रहे और MLM के बारे जानते रहे सीखते रहे। फिर वे सोचे कि इस बिजनेस को फुल टाईम करना चाहिए और उन्होंने नौकरी छोड़ने का मूड बना लिए पर इस नौकरी को छोड़ने से पहले पहला फोन अपनी मां को किया और बोला कि मां मैं इस नौकरी को छोड़ रहा हूँ । मुझे एक बिजनेस मिला है उसे करना चाहता हूं , तो मां अचंभित हो गयी और बोली बेटा ये तुम क्या कह रहे हो शायद तुम्हें कुछ हो गया है या तो कोई तुम्हें जादू टोना कर दिया है घर आ जाओ मैं तुम्हें ठीक करा दूगीं । उन्हें लगा कि मां को समझ नहीं आएगा तो उसने अपने भाई को जो दिल्ली में पुलिस की नौकरी कर रहा था उन्हें फोन किया और बोला कि भाई मैं नौकरी छोड़ रहा हूँ तु भी नौकरी छोड़ दे एक कम्पनी आयी है उसे मिलके करेंगे और हमारी जिंदगी बदल जाएगी। तो उसका भाई जवाब में बोला कि साहब आपकी कोई गलती नहीं है। कम पढ़े लिखे लोग ऐसे ही होते हैं। तो इससे भी बात नहीं बनी तो तीसरा फोन अपने फुफा जी को लगया जो उनके परिवार से सबसे पढ़ी लिखी थी। पर इस बार का जवाब इतनी अजीब थी कि सुनने लयाक भी ना था। फिर उसने किसी को फोन नहीं किया एक गहरी साँस ली और सोचने लगा कि दिनेश तुम्हें कोई नहीं सुनेगा और ना ही कोई तुम्हारी जिन्दगी बना देगा जो करना है तुम्हें करना है। और उसने अपना नौकरी छोड़ दी । और नौकरी छोड़ने के बाद हुआ क्या कि उनके परिवार वाले उससे बात करना छोड़ दिया मिलना जुलना छोड़ दिया पर उसने हिम्मत नहीं हारी और लगे रहे दिन रात इस बिजनेस में और दिखा दिए एक अनपढ व्यक्ति कामयाब इंसान बन के आज के समय में वह अपने परिवार का सबसे अमीर इंसान है जो लोग उससे बात तक नहीं करते थे आज वाही लोग उनसे मिलने के लिए तरशते हैं आज उनके पास 7 गाड़ी है यही व्यक्ति एक दिन TVS में चला करते थे।
दिनेश कहते हैं कि जो कुछ भी करो अपनी सुनो इवाओ को कहते हैं कि अगर मुझ जैसे अनपढ इंसान ये सब कर सकता है तो आप क्यों नहीं।
दोस्तों ये लेशन आपको अच्छी लगी तो comment जरूर करें और साथ ही साथ ये भी बताये कि आगे किसके बारे लिखूँ
नमस्कार दोस्तों, आज हम दिनेश चौधरी के बारे में उन्होंने कैसे अपने जीवन को बदला जो कि दसवीं कक्षा तक भी नहीं पढ़ें हैं और आज उनके पास लाखों करोड़ों हैं जिनके पास कभी चेन वाला TVS रहा करता था पर आज उनके पास 6 से 7 गाड़ी है तो चलिए जानते हैं कि दिनेश चौधरी ने ऐसा क्या किया और इतनी बड़ी मुकाम हासिल की।
दिनेश चौधरी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के कृषि परिवार में हुआ। उनका जो प्रारंभिक शिक्षा मुरादाबाद में ही हुआ और वह दसवीं तक भी नहीं पढ़ पाऐ और उन्होंने नौकरी के तलाश में MP चले गये और उन्हें वहीं पर 7 सौ की नौकरी मिल गई। उसी नौकरी को करते करते 7सौ से 2 हजार हो गए और फिर एक दिन किसी व्यक्ति से उन्होंने MLM के बारे सुना और उसे एक छोटी सी मीटिंग में बुलाया गया जहां पे 7 से 8 लोग थे. जहां पे बताया गया कि भारत में एक ऐसा बिजनेस आया है जहां पे बिना पुंजी के बिजनेस किया जा सकता है और अपना जीवन बदला जा सकता है और फिर हुआ क्या?? हैरान कि बात तो यह है कि जो व्यक्ति ने दिनेश जी को बुलाया था वह व्यक्ति उस दिन से लेकर कभी भी उस बिजनेस में नहीं आया। वहां पे इन्हें कुछ समझ में तो नहीं आया बस यही सोचने लगे कि अगर बाहर से 7 से 8 सौ भी आ जाऐ तो बहुत है मेरे लिए और उन्होंने बिजनेस शुरू कर दिया पार्ट टाईम ।ये बात 26 जूलाई 2002 की है । लगभग 3 साल तक पार्ट टाईम करते रहे और MLM के बारे जानते रहे सीखते रहे। फिर वे सोचे कि इस बिजनेस को फुल टाईम करना चाहिए और उन्होंने नौकरी छोड़ने का मूड बना लिए पर इस नौकरी को छोड़ने से पहले पहला फोन अपनी मां को किया और बोला कि मां मैं इस नौकरी को छोड़ रहा हूँ । मुझे एक बिजनेस मिला है उसे करना चाहता हूं , तो मां अचंभित हो गयी और बोली बेटा ये तुम क्या कह रहे हो शायद तुम्हें कुछ हो गया है या तो कोई तुम्हें जादू टोना कर दिया है घर आ जाओ मैं तुम्हें ठीक करा दूगीं । उन्हें लगा कि मां को समझ नहीं आएगा तो उसने अपने भाई को जो दिल्ली में पुलिस की नौकरी कर रहा था उन्हें फोन किया और बोला कि भाई मैं नौकरी छोड़ रहा हूँ तु भी नौकरी छोड़ दे एक कम्पनी आयी है उसे मिलके करेंगे और हमारी जिंदगी बदल जाएगी। तो उसका भाई जवाब में बोला कि साहब आपकी कोई गलती नहीं है। कम पढ़े लिखे लोग ऐसे ही होते हैं। तो इससे भी बात नहीं बनी तो तीसरा फोन अपने फुफा जी को लगया जो उनके परिवार से सबसे पढ़ी लिखी थी। पर इस बार का जवाब इतनी अजीब थी कि सुनने लयाक भी ना था। फिर उसने किसी को फोन नहीं किया एक गहरी साँस ली और सोचने लगा कि दिनेश तुम्हें कोई नहीं सुनेगा और ना ही कोई तुम्हारी जिन्दगी बना देगा जो करना है तुम्हें करना है। और उसने अपना नौकरी छोड़ दी । और नौकरी छोड़ने के बाद हुआ क्या कि उनके परिवार वाले उससे बात करना छोड़ दिया मिलना जुलना छोड़ दिया पर उसने हिम्मत नहीं हारी और लगे रहे दिन रात इस बिजनेस में और दिखा दिए एक अनपढ व्यक्ति कामयाब इंसान बन के आज के समय में वह अपने परिवार का सबसे अमीर इंसान है जो लोग उससे बात तक नहीं करते थे आज वाही लोग उनसे मिलने के लिए तरशते हैं आज उनके पास 7 गाड़ी है यही व्यक्ति एक दिन TVS में चला करते थे।
दिनेश कहते हैं कि जो कुछ भी करो अपनी सुनो इवाओ को कहते हैं कि अगर मुझ जैसे अनपढ इंसान ये सब कर सकता है तो आप क्यों नहीं।
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